प्रथम विश्व युद्ध (World War-1) 28 जुलाई 1914 से 11 नवम्बर 1918

 

प्रथम विश्व युद्ध (World War-I) और द्वितीय विश्व युद्ध (World War-II) विश्व की दो ऐसी घटनाये है जिन्हें कोई भी इंसान नही चाहेगा की ये घटनाये कभी दुबारा घटित हो I ये युद्ध इतने भयानक थे की लगभग 10 करोड़ आम नागरिकों और सैनिको ने अपनी जान गवां दी थी I इन दोनों युद्धों के बारे में विश्व के हर विद्यार्थी, शिक्षक, सैनिक व् आम नागरिक को पता होना चाहिए I

आज इस आर्टिकल में प्रथम विश्व युद्ध (World War-I) के बारे में जानेंगे क्योकि अगर प्रथम विश्व युद्ध के बारे में जानकारी होगी तो ही हम द्वितीय विश्व युद्ध के बारे में जान पाएंगे तो चलिए शुरू करे है I

  1. प्रथम विश्व युद्ध के कारण क्या थे ?
  2. युद्ध की शुरुआत केसे हुई ?
  3. युद्ध के परिणाम क्या निकले ?
  4. जब प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था तो भारत में कौन कौन सी घटनाये घट रही थी ?
  5. प्रथम विश्व युद्ध का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा ?

 

द्वितीय विश्व युद्ध (World War-II) के बारे में जानने के लिए क्लिक करे

 

प्रथम विश्व युद्ध को “The Great War”, “Global War”, “The End of all War”. आदि नामो से जाना जाता है I जैसा की आप बहुत सारे लोगों को पता होगा की इस युद्ध का तात्कालिक कारण 28 जून 1914 को ऑस्ट्रिया हंगरी के राजकुमार व उतराधिकारी आर्कड्युक फ्रांज फर्डिनेंड (Archduke Franz Ferdinand) की बोस्निया के एक शहर सेरेजोवा में हत्या कर दी गयी थी I मगर केवल एक यही एक मात्र कारण नही था और भी बहुत से कारण थे जैसे की

  1. साम्राज्यवाद की निति
  2. बाल्कन प्रायद्वीप की भूमिका
  3. राष्ट्रवाद की भावना का विकास
  4. गुप्त संधियाँ
  5. सैन्यकरण
  6. ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के राजकुमार आर्कड्युक फ्रान्ज़ फर्डीनेंड की हत्या

सबसे पहले समझ लेते है की ये सारे कारण क्या थे ?

  1. साम्राज्यवाद की निति :- यूरोप के बहुत सारे देश चाहते थे की उनका ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रफल पर कब्ज़ा हो I ताकि उद्योगों के लिए कच्चा माल व् सस्ते श्रमिक उपलब्ध हो सके I साम्राज्य वाद की दौड़ में ब्रिटेन सबसे आगे था I लगभग 25 % देशों पर ब्रिटेन का नियंत्रण था I इसके अलावा जर्मनी फ्रांस पुर्तगाल आदि देश भी ज्यादा से ज्यादा राज्य विस्तार में लगे हुए थे I इसी राज्य विस्तार की निति को ‘साम्राज्यवाद की निति ‘कहते है
  2. बाल्कन प्रायद्वीप की भूमिका:– बाल्कन प्रायद्वीप में ये सभी देश सर्बिया, बोस्निया, मेसिडोनिया, बुल्गारिया, रोमानिया क्रोएशिया, हंगरी, तुर्की, ग्रीस आदि देश थे I ये सभी देश अपनी आज़ादी के लिए आन्दोलन व् शक्ति प्रदर्शन, युद्ध आदि करते रहते थे मगर ओटोमन एम्पायर (तुर्की साम्राज्य) और ऑस्ट्रिया-हंगरी इन्हें स्वतंत्र नही करना चाहते थे I ऑस्ट्रिया हंगरी की ही नीतिया बाल्कन प्रायद्वीप पर लागु थी जर्मनी उसका समर्थन करता था जबकि रूस उन नीतियों का विरोध करता था I उस समय की दो महान शक्तिया आमने सामने थी तो युद्ध होना सवाभिव है I
  3. राष्ट्रवाद की भावना का विकास:– राष्ट्रवाद से अभिप्राय है लोगो के ऐसे समूह से है जिनकी भाषा, रंग, मकसद एक हो और वो अपने अलग राष्ट्र की मांग करे तो उसे राष्ट्रवाद कहा जाता है I जब साम्राज्य वाद बढ़ रहा था और बहुत से राष्ट्र अपनी स्वतंत्रता चाहते थे तो ऐसे हालातो में राष्ट्रवाद की भावना का विकास होना भी लाजमी बात है I
  4. गुप्त संधियाँ :- बहुत सारे देश एक दुसरे के साथ गुप्त संधियाँ कर रहे थे I इन संधि में होता क्या था की अगर कोई देश उन देशो पर आक्रमण करेगा तो संधि के तहत वो देश एक दुसरे की सहायता करेंगे I ऐसी ही संधि जर्मनी और ऑस्ट्रिया-हंगरी के बीच भी हुई थी I जो युद्ध के कारणों में से एक थी I इस संधि के तहत अगर कोई देश जर्मनी पर आक्रमण करेगा तो ऑस्ट्रिया-हंगरी जर्मनी का साथ देंगे I और अगर कोई देश ऑस्ट्रिया-हंगरी पर आक्रमण करता है तो जर्मनी ऑस्ट्रिया हंगरी का साथ देगा I ये गुप्त सन्धियां देशो की सैन्य शक्ति सुदृढ़ करती रही जो प्रथम विश्व युद्ध का कारण बनी I
  5. सैन्यकरण :- जब विश्व के बहुत सारे देशो में साम्राज्यवाद, राष्ट्रवाद व् गुप्त संधियाँ हो रही थी तो सैन्यकरण होना लाज़मी सी बात है I सेना में ज्यादा से ज्यादा सैनिक भर्ती किये जा रहे थे और सैनिको के पास आधुनिक तकनीक के हथियार भी थे जैसे की मशीन गन, टैंक, आदि I हर देश के पास आधुनिक हथियार और जोश वाली सेना थी I हथियारों का प्रदर्शन करने के लिए सभी सेनाये तैयार बैठी थी I इसमें तात्कालिक कारण बना औस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के राजकुमार आर्कड्युक फ्रान्ज़ फर्डीनेंड की हत्या I
  6. ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के राजकुमार आर्कड्युक फ्रान्ज़ फर्डीनेंड की हत्या :– बात है 28 जून 1914 की जब आर्कड्युक फ्रान्ज़ फर्डीनेंड बोस्निया के एक शहर सेरेजेवो में अपने परिवार के साथ घुमने आये थे I तो किसी ने आर्कड्युक फ्रान्ज़ फर्डीनेंड की हत्या कर दी और यही तात्कालिक कारण बना प्रथम विश्व युद्ध का I ऑस्ट्रिया-हंगरी का मानना था की हमारे राजकुमार की हत्या सर्बिया वालो ने की है I ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को मजबूर करने के लिए शर्ते रखी , चेतावनी दी लेकिन सर्बिया ने मानने से इनकार कर दिया I जुलाई 1914 में जो स्थिति ऑस्ट्रिया-हंगरी में बनी हुई थी उसे जुलाई क्राईसिस के नाम से इतिहास में जाना जाता है I सर्बिया को डर था की ऑस्ट्रिया-हंगरी सर्बिया पर कभी भी आक्रमण कर सकते है I तो सर्बिया ने रूस (रशिया) के साथ सैन्य संधि कर ली क्युकी सर्बिया और रशिया में स्लाविक जाती के लोग रहते थे तो रशिया ने भी सर्बिया की सैन्य सहायता करने की संधि कर ली I

ये सभी कारण प्रथम विश्व युद्ध का कारण बने I अब देखते है की……

युद्ध की शुरुआत केसे हुई ?

प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण बनी आर्कड्युक फ्रान्ज़ फर्डीनेंड की बोस्निया के सेरेजेवो में 28 जून 1914 को हत्या I जिसके बाद जुलाई क्राईसिस हुए और 28 जुलाई 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया पर आक्रमण कर दिया I यही से शुरुआत मानी जाती है प्रथम विश्व युद्ध की I प्रथम विश्व युद्ध का विलेन बना जर्मनी I जर्मनी ऑस्ट्रिया-हंगरी के साथ सैन्य संधि नही करता और उसे सैन्य सहायता नही देता तो ऑस्ट्रिया-हंगरी कभी भी सर्बिया पर आक्रमण नही करता I

world war 1
Rare Image of world war 1

28 जुलाई 1914 को जब ऑस्ट्रिया-हंगरी ने जर्मनी की सहायता से सर्बिया पर आक्रमण किया तो सर्बिया और रशिया की संधि के तहत रशिया ने सर्बिया की सैन्य सहायता की घोषणा की I ये देखकर जर्मनी ने 1 अगस्त 1914 को रशिया पर आक्रमण की घोषणा कर दी और कहा कि यही रशिया सर्बिया का साथ देगा तो वह रशिया पर आक्रमण कर देगा I ये घटना घट ही रही थी की जर्मनी ने 3 अगस्त 1914 को फ्रांस पर भी आक्रमण की घोषणा कर दी I अब जर्मनी की रणनीति थी की पहले फ्रांस से निपटा जाए व् रशिया को बाद में देखा जाये I जब जर्मनी की सेना फ्रांस पर आक्रमण करने के लिए बेल्जियम के रास्ते आगे बढ़ी तो ब्रिटेन ने विरोध किया I क्योकि बेल्जियम और ब्रिटेन की भी आपस में संधि थी I विरोध करने के बाद भी जब जर्मनी नही मन तो 4 अगस्त 1914 को ब्रिटेन ने जर्मनी पर भी आक्रमण की घोषणा कर दी व् 8 अगस्त 1914 को ब्रिटेन भी युद्ध में शामिल हो गया I उस समय भारत ब्रिटेन का गुलाम था तो ब्रिटेन ने भारत से 8 लाख सैनिक युद्ध में बुलाये I जिसमे से लगभग 45000 सैनिक शहीद हुए व् 65000 सैनिक घायल हो गये (hint:- जो भारतीय सैनिक युद्ध में शहीद हुए थे उनकी याद में अंग्रेजो ने दिल्ली में इंडिया गेट बनाया था )

यहाँ एक बात गौर करने वाली है की एक और तो जर्मनी और ऑस्ट्रिया-हंगरी थे और दूसरी और सर्बिया, रशिया, फ्रांस, ब्रिटेन, बेल्जियम आदि देश थे I ये सभी देश दो गुटों में विभाजित हो गये जिसको हम धुरी राष्ट्र व् मित्र राष्ट्र कहते है I धुरी राष्ट्र की और से ऑस्ट्रिया-हंगरी, जर्मनी और तुर्की थे तो मित्र राष्ट्र की और से सर्बिया, रशिया, फ्रांस, ब्रिटेन, बेल्जियम, जापान, अमेरिका आदि देश शामिल थे I वही इटली ऐसा देश था जिसने त्रिपक्षीय संधि (Triple Alliance Treaty) के तहत धुरी राष्ट्र का साथ दिया लेकिन बाद में जब ब्रिटेन ने उसे लालच दिया की अगर वह युद्ध में ब्रिटेन का साथ देगा तो युद्ध जीतने के बाद ऑस्ट्रिया-हंगरी व् तुर्की के कुछ क्षेत्र ब्रिटेन उसे दे देगा तो इटली ने बाकि का युद्ध मित्र राष्ट्रों और से लड़ा I

ये युद्ध विश्व का पहला युद्ध था जो जल, थल और वायु में लड़ा गया था I जल सेना का सबसे मजबूत जहाज सबमरीन यु बोट (Submarine U-Boat) था जो की जर्मनी का था I 1917 में जर्मनी ने अपनी जल सेना का शक्ति प्रदर्शन दिखाया तो जर्मनी ने मित्र राष्ट्रों के बहुत सारे पानी के जहाजों पर आक्रमण करने शुरू कर दिए I जिसमे बहुत सारे यात्री मारे गये थे I उसी में से एक घटना है जब अप्रैल 1917 में जर्मनी ने ब्रिटेन के एक जहाज लुसिटानिया पर आक्रमण किया तो उसमे 1353 यात्री मारे गये I उसमे 128 यात्री अमेरिका के भी थे I जब अमेरिका को ये पता चला की जर्मनी ने अमेरिका के 128 नागरिक मार दिए है तो अप्रैल 1917 में अमेरिका ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी और अमेरिका भी युद्ध में शामिल हो गया और यही से युद्ध के परिणाम उलटे हो गये I अमेरिका कभी भी युद्ध में शामिल नही होना चाहता था मगर जब उसके नागरिको पर आंच आई तो उसे मजबूरन युद्ध में शामिल होना पड़ा I जब अमेरिका युद्ध में शामिल हुआ तो रशिया ने अक्टूबर 1917 में युद्ध से पीछे हट जाना बेहतर समझा और रशिया ने इस महायुद्ध से कदम पीछे ले लिए I अमेरिका ने जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी तुर्की आदि देशो के बहुत से ठिकानो को बहुत जल्दी तबाह कर दिया और दिसम्बर 1917 में पहले ऑस्ट्रिया-हंगरी ने आत्मसमर्पण किया और 11 नवम्बर 1918 में जर्मनी ने भी युद्ध विराम की घोषणा कर दी I इस तरीके से ख़तम हुआ प्रथम विश्व युद्ध I

प्रथम युद्ध के परिणाम क्या निकले

जनवरी 1919 से जनवरी 1920 तक फ्रांस की राजधानी पेरिस में शांति सम्मलेन आयोजित किया गया जिसमे सभी मित्र राष्ट्र चाहते थे की उनका युद्ध में जो भी नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई करवाई जाये इसलिए प्रथम विश्व युद्ध के बाद मित्र राष्ट्रों ने धुरी राष्ट्रों के साथ 5 सन्धियां की I

  1. जर्मनी के साथ – वर्साय की संधि
  2. बुल्गारिया के साथ – न्यूली की संधि
  3. तुर्की के साथ – सेवर्स की संधि
  4. ऑस्ट्रिया के साथ – सेंट जर्मन की संधि
  5. हंगरी के साथ – त्रियान की संधि

इसके अलावा अन्य परिणाम थे

League of Nation (राष्ट्रों का संघटन) की स्थापना : 10 January 1920 को लीग ऑफ़ नेशन को स्थापित करने का मुख्य उदेशीय था की विश्व में दुबारा ऐसी घटना घटित न हो I मगर League of Nation ज्यादा समय तक नही टिक पाया और 1939 में ही द्वितीय विश्व युद्ध हुआ I

लगभग 1.7 करोड़ आम नागरिक व् सैनिको ने अपनी जान गवांई I

जॉर्डन, पोलैंड, सीरिया आदि कई नये देशो का निर्माण हुआ और ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य की नई सीमाए बनाई गयी जिसमे ऑस्टिया और हंगरी दोनों अलग-अलग देश बनाये गये I

 

जब प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था तो भारत में कौन कौन सी घटनाये घट रही थी ?

  1. 1914 – में भारतीय सैनिको ने प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटेन का साथ दिया I बाल गंगाधर तिलक जैसे भारतीय नेताओ का मानना था की यदि भारतीय सैनिक ब्रिटेन का साथ देंगे तो वो भारत को आजाद कर देंगे I मगर ऐसा नही हुआ
  2. 1915 – गाँधी जी का दक्षिण अफ्रीका से वापिस आना व् पुरे भारत का भ्रमण करना व् भारत की आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक दशा को समझना I
  3. 1917 – गाँधी जी द्वारा चंपारण आन्दोलन की शुरुआत
  4. 1918 – खेड़ा सत्याग्रह
  5. 1919- भारत सरकार अधिनियम
  6. 1919 – अंग्रेजो द्वारा भारत में रोलेट एक्ट पास करना
  7. 1919 – जलियावाला बाग़ हत्याकांड होना

प्रथम विश्व युद्ध का भारत पर प्रभाव I

प्रथम विश्व युद्ध का पुरे विश्व में कुछ न कुछ प्रभाव रहा वेसे ही हमारे देश भारत में भी प्रथम विश्व युद्ध का प्रभाव पड़ा इसमें सकारात्मक प्रभाव ये थे भारतीय सैनिको का वैश्विक घटनाओं से जुड़ना, भारत में अंग्रेजो की रणनीतियों को समझना I तो वहीँ नकारात्मक प्रभाव जैसे की युद्ध में बहुत से भारतीय सैनिक मारे गये , युद्ध के बाद अंग्रेजो ने युद्ध में हुए नुक्सान की पूर्ति के लिए भारतीय लोगो पर लगान (Tax) को बढ़ा दिया I भारत में उत्पादन कम हो गया व् महगाई भी भी आसमान छूने लगी I

प्रथम विश्व युद्ध की घटना बड़ी ही दर्दनाक घटना थी जो भी सैनिक उनके परिवार, आम लोग विश्व युद्ध से जुड़े थे और उन्होंने ये युद्ध अपनी आँखों के सामने देखा तो वो कभी नहीं चाहेंगे की ऐसा विश्व युद्ध दुबारा हो लेकिन 20 वर्ष ही बीते की द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हो गया I और जिन्होंने इन दोनों युद्धों को देखा होगा व् इसमें भाग लिया होगा उसने बहुत ही भीषण तबाही देखी होगी I

इस आर्टिकल में हमने देखा की प्रथम विश्व युद्ध क्यों हुआ, प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण और अन्य कारण क्या थे , युद्ध की शुरुआत केसे हुई, केसे पूरा विश्व दो धुरी में विभाजित हो गया, विश्व युद्ध के परिणाम क्या निकले, जब प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था तो भारत में कौन कौन सी घटनाये घाट रही थी और प्रथम विश्व युद्ध का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा I ये आर्टिकल सभी विद्यार्थियो व् अध्यापको के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है I आज के समय में जो भी विद्यार्थी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा है तो उनके लिए भी प्रथम विश्व युद्ध की ये कहानी जाननी बहुत जरुरी है I क्युकी इस Topic से बहुत सारे प्रश्न परीक्षाओं में पूछे जाते है I जानने ले लिए दिए गये लिंक पर क्लिक करे I

प्रथम विश्व के युद्ध प्रश्न-उत्तर हिंदी में

 

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3 Comments

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