वर्साय की संधि (Treaty of Versailles)28 जून 1919

 

11 नवम्बर 1918 में प्रथम विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद जिन देशों की जीत हुई वो देश मित्र राष्ट्र (Allied Power) कहलाये और जिन देशों की हार हुई उन्हें धुरी राष्ट्र (Axis Power या Central Power) के नाम से जाना जाता है I मित्र राष्ट्रों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रशिया, चीन, पोलैंड, जापान आदि प्रमुख देश शामिल थे और धुरी राष्ट्रों में जर्मनी, बुल्गारिया, तुर्की, ऑस्ट्रिया, हंगरी आदि देश शामिल थे I मित्र राष्ट्रों ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित वर्साय महल में 1919 से 1920 तक एक शांति सम्मलेन किया I इस शांति सम्मलेन में मित्र राष्ट्रों द्वारा प्रथम विश्व युद्ध में हुए आर्थिक, जान व् माल के नुक्सान की भरपाई करने के लिए पराजित राष्ट्रों के साथ अलग अलग सन्धिया की गयी जैसे की जर्मनी के साथ – वर्साय की संधि, बुल्गारिया के साथ – न्यूली की संधि, तुर्की के साथ – सेवर्स की संधि, ऑस्ट्रिया के साथ – सेंट जर्मन की संधि और हंगरी के साथ – त्रियान की संधि I हर संधि के तहत मित्र राष्ट्रों द्वारा धुरी राष्ट्रों पर जुर्माना व पाबन्दिया लगाई गयी जो बाद में हटाई भी गयी लेकिन इस शांति सम्मलेन में जर्मनी की साथ की गयी वर्साय की संधि विश्व की सबसे अपमानजनक संधि मानी जाती है I वर्साय की सन्धि जर्मनी के लिए एक श्राप थी I इस सन्धि का तोडा जाना द्वितीय विश्व युद्ध का भी मुख्य करना माना जाता है I तो चलिए शुरू करते है:-

वर्साय की संधि” मित्र राष्ट्रों द्वारा जर्मनी के साथ 28 जून 1919 को शांति सम्मलेन में वर्साय की सन्धि की गयी I 240 पेज और 440 दंडनीय कानून वाली यह संधि कहने को तो शांति पत्र थी लेकिन जो प्रावधान जर्मनी के लिए इस संधि में थे उन्हें जर्मनी में श्राप के रूप में देखा जाता है I वर्साय की संधि के तहत जर्मनी पर 12.5 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया जो बाद में बढ़ाकर 26.3 बिलियन डॉलर कर दिया गया I हम इस जुर्माने की तुलना आज करे तो लगभग 1 लाख टन सोना खरीद सकते थे I जर्मनी ने इस जुर्माने की आखिरी क़िस्त अक्टूबर 2010 में चुकाई है I जर्मनी पर अन्य भी कई तरह की पाबंदियां लगायी गयी जैसे की जर्मनी का निशस्त्रीकरण कर दिया गया, जर्मनी की थल सेना की संख्या 1 लाख का दी गयी, जर्मनी की वायु सेना पर रोक लगा दी गयी, जर्मनी किसी भी अन्य देश के साथ सैन्य संधि नही करेगा, जर्मनी किसी भी प्रकार के हथियारों का उत्पादन नही करेगा, जर्मनी किसी भी अन्य देश पर आक्रमण नही करेगा, जर्मनी के जो लोहे और कोयले के जो मुख्य भंडार है उन्हें अगले 15 वर्ष के लिए फ्रांस के हाथो में सौंप दिया गया I ये सारे प्रावधान वर्साय की संधि में लिखित थे I न चाहते हुए भी जर्मनी को इस संधि पर 28 जून 1919 को हस्ताक्षर करने पड़े I जर्मन वासियों ने इस संधि को अपमान के रूप में देखा I 1933 में नाज़ी दल के नेता अडोल्फ़ हिटलर के चांसलर बनते ही जर्मनी ने वर्साय की संधि का उलंघन करना शुरू कर दिया I जर्मनी ने सभी देशो से छुपकर धीरे धीरे अपने सैनिको की संख्या में वृद्धि की, अपनी वायु सेना तैयार की, और हथियारो का उत्पादन भी किया I 1935 में जब बाकि देशो को पता लगा की जर्मनी अपनी सेना तैयार कर रहा है तो बहुत सारे देशो ने आपत्ति जताई की जर्मनी वर्साय की सन्धि का उल्लंघन कर रहा है I लेकिन जर्मनी की सत्ता ऐसे शक्स के हाथ में थी जो किसी भी मायने झुकने वाला नही था I हिटलर ऐसा तानाशाह था जो की अकेला ही व्यक्ति द्वितीय विश्व युद्ध के लिए ज़िम्मेदार है I हिटलर ने 1937 में इटली, जापान, रोम, बर्लिन आदि के साथ सैन्य संधि की और धुरी राष्ट्र (Axis Power या Central Power) का गठन किया I जिसके बाद हिटलर ने इटली की मदद से ऑस्ट्रिया और हंगरी पर अपना अधिकार कर लिया जो कि प्रथम विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र राष्ट्र बन गये थे I ये सब वर्साय की संधि का उलघन था I हिटलर जर्मनी को विश्व की सर्वश्रेष्ठ शक्ति बनाना चाहता था I इसलिए हिटलर ने 1 सितम्बर 1939 को पोलैंड पर हमला किया और यहीं से शुरुआत मानी जाती है द्वितीय विश्व युद्ध की I

 

इस आर्टिकल में हमने देखा की वर्साय की संधि क्या थी, इस संधि के तेहत जर्मनी पर कितना जुर्माना व् अन्य कौन कौन सी पाबन्दिया लगायी गयी व् इस संधि के तोड़े जाने पर द्वितीय विश्व युद्ध क्यों हुआ ?

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