भारत में ऑनलाइन गेमिंग पर सरकार का एक्शन

भारत में ऑनलाइन गेमिंग पर सरकार का एक्शन: क्यों ज़रूरी था यह क़ानून?

भारत में ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया तेजी से बढ़ रही है। लाखों लोग रोज़ाना मोबाइल और कंप्यूटर पर गेम खेलते हैं। लेकिन, इसके साथ ही लत (addiction), आर्थिक नुकसान और युवाओं पर मानसिक दबाव जैसी समस्याएँ भी सामने आई हैं। इन्हीं कारणों से सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर सख्त नियम (regulations) लागू करने का फैसला किया है। जानते है क्या क्या है वजह |

1. भारत में ऑनलाइन गेमिंग का तेज़ी से बढ़ता दायरा

भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग पिछले कुछ वर्षों में बेहद तेज़ी से बढ़ा है। सस्ते इंटरनेट डेटा, स्मार्टफोन की आसान उपलब्धता और डिजिटल पेमेंट सिस्टम की बढ़ती लोकप्रियता ने इसे नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया है। आज युवा ही नहीं बल्कि हर उम्र के लोग गेमिंग को मनोरंजन और करियर दोनों के रूप में देख रहे हैं। फैंटसी स्पोर्ट्स, बैटल रॉयल गेम्स, पज़ल और स्किल-बेस्ड गेम्स ने भारतीय गेमिंग मार्केट में क्रांति ला दी है। खासकर Dream11, MPL, Free Fire और BGMI जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स ने लाखों खिलाड़ियों को अपनी ओर आकर्षित किया है। वहीं, ई-स्पोर्ट्स टूर्नामेंट्स ने युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर भी दिया है।  एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का गेमिंग उद्योग आने वाले वर्षों में कई अरब डॉलर का हो सकता है। निवेशक और बड़ी कंपनियाँ भी इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से निवेश कर रही हैं। सरकार भी इसे नियंत्रित करने और सुरक्षित बनाने की दिशा में नए क़दम उठा रही है ताकि खिलाड़ियों को एक स्वस्थ और पारदर्शी गेमिंग माहौल मिल सके।  कुल मिलाकर, ऑनलाइन गेमिंग भारत में सिर्फ़ मनोरंजन का साधन नहीं रह गया है, बल्कि यह रोजगार, नवाचार और डिजिटल अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा बन चुका है। लेकिन एक और देखा जाए तो इन ऑनलाइन गेमिंग का  युवाओं पर प्रभाव भी प्रभाव पर रहा है | कई रिपोर्ट्स में पाया गया कि बच्चे और युवा गेमिंग की लत के कारण पढ़ाई से दूर हो रहे हैं। रियल मनी गेम्स में हारने से आर्थिक नुकसान और तनाव बढ़ रहा है। मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर नकारात्मक असर दिखा है।  कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियाँ बिना किसी नियम के काम कर रही थीं। फर्जी ऐप्स और वेबसाइट्स के ज़रिए लोगों से धोखाधड़ी हो रही थी।  काले धन (black money) के इस्तेमाल की आशंका भी बढ़ी।

2 . Online Gaming को लेकर सरकार  की नई नीति का मकसद /  सरकार का उद्देश्य

सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर नियंत्रण रखने के लिए नए नियम और कानून लागू करने की घोषणा की। इनका उद्देश्य है:

  • युवाओं को लत से बचाना – लगातार गेम खेलने से पढ़ाई और करियर प्रभावित होते हैं।
  • आर्थिक धोखाधड़ी रोकना– कई ऑनलाइन गेमिंग ऐप पैसे के लेन-देन से जुड़े हैं, जहाँ धोखाधड़ी का खतरा रहता है।
  •  सुरक्षित इंटरनेट वातावरण – सरकार चाहती है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बच्चों और युवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
  • गैरकानूनी सट्टेबाजी रोकना – गेमिंग कंपनियों को कानूनी दायरे में लाना। गेमिंग के नाम पर कई ऐप जुए और सट्टेबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं। उन पर नियंत्रण करना | केवल Skill-based Gaming को अनुमति देना, जबकि Betting और Gambling पर रोक लगाना।

3. नए नियमों की मुख्य बातें /  IT मंत्रालय द्वारा तय नियम

IT मंत्री ने स्पष्ट किया है कि भारत में “गेमिंग और गैम्बलिंग” के बीच फर्क किया जाएगा। जो गेम मनोरंजन और स्किल-बेस्ड हैं उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि सट्टेबाजी और पैसों की धोखाधड़ी वाले प्लेटफॉर्म पर सख्त कार्रवाई होगी। गेमिंग कंपनियों को सरकार से पंजीकरण (Registration) कराना होगा। नाबालिग (18 साल से कम) बच्चों को रियल मनी गेमिंग की अनुमति नहीं होगी।  हर गेमिंग ऐप पर उपयोगकर्ता के लिए Self-Declaration और Warning Messages अनिवार्य होंगे। अवैध या गैर-कानूनी गेम्स पर तुरंत बैन लगाया जाएगा।

4. किन एप्लिकेशन्स पर असर पड़ेगा / किन गेम्स पर लग सकती है रोक?

इस प्रस्तावित बिल का सबसे बड़ा फोकस उन गेम्स पर है, जिनमें खिलाड़ी पैसे लगाकर जीतने की कोशिश करते हैं। इनमें Dream11, My11Circle, MPL, Winzo, GamesKraft और 99Games जैसे फैंटसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म शामिल हो सकते हैं। हालाँकि सरकार ने अभी आधिकारिक रूप से यह साफ नहीं किया है कि ये गेम्स पूरी तरह बैन होंगे या नहीं, लेकिन उम्मीद  हैं कि इस बिल का असर इन पर अवश्य पड़ेगा।
असल में यह नियम केवल Real Money Games पर लागू होगा, जहाँ लोग UPI, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से पैसा लगाते हैं और उसे जीतने का प्रयास करते हैं। सरकार के अनुसार, यह सीधे तौर पर सट्टेबाजी (betting) की श्रेणी में आता है।

 5. क्या BGMI, GTA और Free Fire भी बैन होंगे?

मोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 का प्रभाव **BGMI, GTA या Free Fire** जैसे बैटल रॉयल और ई-स्पोर्ट्स गेम्स पर नहीं पड़ेगा।
इन गेम्स को सरकार **स्किल-बेस्ड कैटेगरी** में मानती है, जहाँ जीतने-हारने का फैसला खिलाड़ियों की **कौशल (skill)** से होता है, न कि पैसे की बाज़ी से।
इनकी कमाई मुख्य रूप से **इन-गेम खरीदारी** (जैसे स्किन्स, पैचेस या डिजाइन) से होती है, न कि जुआ या सट्टेबाजी से।

6. बनेगा नेशनल ऑनलाइन गेमिंग कमीशन (NOGC)

बिल में एक नेशनल ऑनलाइन गेमिंग कमीशन (NOGC) बनाने का भी प्रावधान है।
यह कमीशन तय करेगा कि:

कौन सी  गेम स्किल-बेस्ड (Skill Based) है और कौन सी गैंबलिंग-बेस्ड (Gambling Based)।
किन गेम्स को लाइसेंस मिलेगा।
किन गेम्स पर प्रतिबंध (ban) लगाया जाएगा। ये सारे नियम  NOGC तय करेगी |

7. भारत में ऑनलाइन गेमिंग बंद होने से किन किन लोगो को फायदा मिलेगा |

भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री तेज़ी से बढ़ी है, लेकिन इसमें शामिल मनी-बेस्ड गेम्स (जैसे फैंटसी स्पोर्ट्स और रियल मनी गेम्स) ने युवाओं और आम जनता के लिए कई समस्याएँ भी खड़ी की हैं। ऐसे गेम्स में खिलाड़ी पैसे लगाकर जीतने की कोशिश करते हैं, जो धीरे-धीरे जुए की आदत में बदल जाता है। अगर सरकार इन गेम्स पर पूरी तरह रोक लगा देती है, तो कई लोगों और क्षेत्रों को सीधा फायदा होगा।

सबसे पहले फायदा होगा आम खिलाड़ियों और उनके परिवारों को। अक्सर देखा गया है कि लोग अपनी कमाई इन खेलों में गँवा देते हैं। बैन होने से उनका पैसा सुरक्षित रहेगा और मानसिक तनाव भी कम होगा। इसके साथ ही समाज को भी बड़ा लाभ मिलेगा, क्योंकि युवा अपनी पढ़ाई और करियर पर ध्यान दे पाएँगे, बजाय इसके कि वे वर्चुअल जुए में समय और धन बर्बाद करें। सरकार को भी इसका फायदा होगा। अवैध ऑनलाइन सट्टेबाज़ी पर लगाम लगेगी, टैक्स चोरी रुकेगी और डिजिटल पेमेंट सिस्टम्स का दुरुपयोग कम होगा। वहीं, ई-स्पोर्ट्स और स्किल-बेस्ड गेमिंग इंडस्ट्री  को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि अब खिलाड़ी अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए सुरक्षित प्लेटफ़ॉर्म चुनेंगे।

कुल मिलाकर, ऑनलाइन मनी गेमिंग के बंद होने से खिलाड़ी, परिवार, सरकार और समाज सभी को फायदा होगा। यह कदम युवाओं को सही दिशा देगा और भारत में गेमिंग का भविष्य और भी सुरक्षित और सकारात्मक बनेगा।

 

निष्कर्ष

भारत में ऑनलाइन गेमिंग को लेकर सरकार का यह कदम युवाओं और समाज के हित में है। जहाँ एक ओर यह कानून गेमिंग इंडस्ट्री को सही दिशा देगा, वहीं दूसरी ओर आम जनता को सुरक्षित माहौल मिलेगा।

 

 


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