श्री रेणुका जी अंतर्राष्ट्रीय मेला

आप सभी को श्री रेणुका जी अंतर्राष्ट्रीय मेले की हार्दिक शुभकामनाये | रेणुका जी अंतरराष्ट्रीय मेला इस वर्ष में 11 से 15 नवंबर 2024 तक आयोजित किया जाएगा | जानिए इस रेणुका मेले का क्या महत्व है ?

रेणुका जी मेला अंतराष्ट्रीय स्तर का एक मेला है जो हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित रेणुका जी नामक स्थान पर बड़ी धूम-धाम से आयोजित किया जाता है | रेणुका जी मेला हर वर्ष दिवाली के 10 दिन बाद मनाया जाता है | यह पांच दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मेला हिमाचल के प्रसिद्ध मेलों में से एक है | ये मेला धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रीती-रिवाजो के अनुसार मनाया जाता है | इस मेले का शुभारम्भ हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा किया जाता है व् समापन हिमाचल के राज्यपाल द्वारा किया जाता है |  

रेणुका जी मेले का धार्मिक महत्व :

यह मेला यहां के इलाकों में बहुत सारी सकारात्मक ऊर्जा और सुकून लेकर आता है। हजारों भक्त अपने प्रिय देवी-देवताओं की पूजा करने के लिए यहां इकट्ठा होते हैं। मेले के पहले दिन भगवान् परशुराम की मूर्ति को एक सुसज्जित चांदी की पालकी को जामू मंदिर से गिरी नदी के तट तक ले जाया जाता है। पालकी भगवान परशुराम की पालकी  को अन्य स्थानीय देवताओं की पालकी के साथ मेला मैदान से माता रेणुका के मंदिर तक लाया जाता है | इसी पल से मेले की शुरुआत होती है |

रेणुका जी मेला क्यों मनाया जाता है ?  रेणुका जी मेला मां और पुत्र के मिलन का प्रतीक है | मान्यता है कि इस दिन भगवान परशुराम वर्ष में एक बार जामू कोटी से अपनी मां रेणुका जी से मिलने आते हैं। जो असंख्य लोगों की अटूट श्रद्धा एवं आस्था का प्रतीक है। और इसी उपलक्ष में यह मेला आयोजित किया जाता है | स्थानीय लोगो के साथ साथ पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, और राजस्थान से भी बहुत सारे श्रद्धालु भगवान् परशुराम की पालकी को माथा टेकने आते है | और भगवान् परशुराम से अपने लिए मन्नत मांगते है | 

रेणुका मेले का सांस्कृतिक महत्व |

रेणुका मेले में नृत्य, संगीत, स्थानीय पहाड़ी नाटी, प्रदर्शनियाँ, खेल गतिविधियाँ और कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस मेले की पहली शाम को किसी बॉलीवुड सिंगर या पंजाबी सिंगर बुलाया जाता है | दूसरे दिन स्थानीय कालकारो को कला प्रदर्शन दिखने का अवसर दिया जाता है, तीसरे दिन हिमाचल का कोई प्रसिद्ध कलाकार दर्शको का मनोरजन करने के लिए बुलाया जाता है |  चोथे दिन स्थानीय लोगो द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है  और आखिरी दिन हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल द्वारा इस मेले का समापन किया जाता है |

 

व्यापारिक महत्व भी रखता है रेणुका मेला |

धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व के अलावा व्यापारिक महत्व भी रखता है रेणुका मेला | मेला मैदान में लगने वाला यह रेणुका मेला यहाँ के स्थायी निवासियों और आस पास के राज्यों के लोगों को रोजगार भी प्रदान करता है | इस मेले में गर्म कपडे, बर्तन, खिलोने, झूले  और मिठाई की दुकाने खूब सजती है | जलेबी इस मेले की प्रसिद्ध मिठाई है | इस मेले में लाखों-करोड़ों रुपये का कारोबार होता है | इस मेले में आये श्रद्धालु मंदिरों और पालकियों में खूब सारा धन चढाते है जो बाद में सरकार द्वारा इस क्षेत्र के विकास पर खर्च किया जाता है |

 

रेणुका जी में Visit करने के लिए प्रमुख स्थान 

1. रेणुका झील

 

2. माँ रेणुका और परशुराम मंदिर :  

3. चिड़िया घर

रेणुका झील की आसपास की पहाड़ियाँ विभिन्न प्रकार के पौधों और जानवरों के जीवन का समर्थन करती हैं। इस क्षेत्र में वन्य जीवन की प्रचुर उपलब्धता को देखते हुए, हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार ने एक मिनी चिड़ियाघर का निर्माण किया है। पर्यटकों के आकर्षण के लिए चिड़ियाघर में भालू, तेंदुआ, हिरन, शेर, बारहसिंगा, मुर्गा, मोर, कबूतर  आदि पक्षिओ और जानवरों की विभिन्न प्रकार की प्रजातियाँ रखी गई हैं।

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