किसान की बेटियों सुमन और पूनम को वन मित्र बनने पर बहुत बहुत शुभकामनाये |
सिरमौर जिले में रेणुका झील के साथ लगते हुए दो गाँव खाला-क्यार और जम्मू कोटि की दो बेटियां सुमन ठाकुर (खाला-क्यार) और पूनम (जम्मू कोटि) ने अपने कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प से क्षेत्र व् अपने माता पिता का नाम रोशन किया है | सुमन, जो श्री रण सिंह (किसान) की सुपुत्री हैं और पूनम जो की श्री दीप राम (किसान)की पुत्री है, हाल ही में वन मित्र के पद पर चयनित हुई हैं।
सुमन का बड़ा भाई उसकी प्रेरणा का स्त्रोत है जो की केंद्र सरकार के रेलवे विभाग में कार्यरत है | सुमन ने अपनी ग्रेजुएशन डिग्री कॉलेज ददाहू से पूरी करने के बाद Success Point- Dadahu से D.El.Ed Entrance की कोचिंग ली और D.El.Ed Entrance की परीक्षा में सफल होने के बाद पोंटा साहिब से ट्रेनिंग कर रही थी | जिसके मध्य सुमन ने वन मित्र की भर्ती भी दी जिसमे उसका वन मित्र के पद पर चयन हुआ है | पूनम और सुमन ने यह साबित कर दिया है कि ग्रामीण परिवेश और साधारण पृष्ठभूमि भी बड़ी उपलब्धियों का आधार बन सकते हैं।यह सफलता हर बेटी और हर परिवार के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है।
Success Point- (Coaching, Computer & Tution Center) Dadahu तरफ से सिरमौर की इन होनहार बेटियों को वन मित्र बनने पर हार्दिक बधाई और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं। वन मित्र का पद पर्यावरण संरक्षण, वनों की देखभाल, और स्थानीय समुदायों को वनों के प्रति जागरूक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सुमन ठाकुर और पूनम ने इस पद वनों के प्रति अपने प्रेम को उजागर किया है | उनके इस कदम से क्षेत्र की अन्य लड़कियों को भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरणा मिलेगी।
वन मित्र भर्ती के अन्य तथ्य
हिमाचल प्रदेश में वन मित्र भर्ती के लिए आवेदन 30 दिसंबर, 2023 तक आमंत्रित किए गए थे. इस भर्ती के ज़रिए हिमाचल में 2,061 पदों पर भर्ती की जानी थी. इस भर्ती प्रक्रिया में कई तरह के विवाद हुए, लेकिन अब भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है |
इस भर्ती से जुड़ी ज़रूरी बातें
- वन मित्र भर्ती में 10 अंकों के साक्षात्कार को लेकर मामला हाई कोर्ट पहुंचा था.
- हाई कोर्ट के आदेश के बाद, साक्षात्कार की शर्त को हटा दिया गया है.
- अब भर्ती प्रक्रिया में शैक्षणिक योग्यता में हासिल अंकों के आधार पर मैरिट तैयार की जाएगी.
- चयन होने पर पात्र उम्मीदवार को 10 हज़ार रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा.
- वन मित्रों की नियुक्ति से विभाग की कार्यकुशलता बढ़ेगी और वन क्षेत्रों में पेड़ों के अवैध कटान पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी.
वन मित्र योजना के बारे में ज़रूरी बातें
- वन मित्र योजना का मकसद सामुदायिक संसाधनों को जुटाना और वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है.
- इस योजना से गैर-वन भूमि पर वृक्ष आवरण बढ़ेगा और पर्यावरण बेहतर होगा.
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